चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत https://shiv-chalisa-lyrics-in-pu51489.wikistatement.com/4248924/lyrics_shiv_chalisa_fundamentals_explained